Shree Ganesh Gayatri Mantra Lyrics in Hindi

भगवान गणेश, ज्ञान, बुद्धि और समृद्धि के देवता, हिंदू धर्म में सबसे पूजनीय देवताओं में से एक हैं। उनकी पूजा करने के कई तरीके हैं, जिनमें से एक है गणेश गायत्री मंत्र का जप करना। यह मंत्र भगवान गणेश की शक्ति और दिव्यता का प्रतीक है, और इसका नियमित जप करने से अनेक लाभ प्राप्त होते हैं।

“गणेश गायत्री मंत्र”

एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।

“मंत्र का अर्थ”

एकदंताय: एक दांत वाले
वक्रतुण्डाय: टेढ़ी सूंड वाले
धिमहि: हम ध्यान करते हैं
तन्नो: हमें
दंती: दाँत वाले
प्रचोदयात्: प्रेरित करें

गणेश गायत्री मंत्र के लाभ:

  • बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि: यह मंत्र बुद्धि और ज्ञान को बढ़ाने में मदद करता है।
  • विघ्नों का नाश: यह मंत्र जीवन में आने वाले विघ्नों को दूर करता है।
  • सफलता और समृद्धि: यह मंत्र जीवन में सफलता और समृद्धि लाता है।
  • एकाग्रता और मन की शांति: यह मंत्र एकाग्रता और मन की शांति प्रदान करता है।
  • नकारात्मक ऊर्जा से बचाव: यह मंत्र नकारात्मक ऊर्जा से बचाव करता है।

गणेश गायत्री मंत्र का जप कैसे करें:

  • स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • एक लकड़ी की चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर श्री गणेश भगवान का चित्रपट अथवा मूर्ति स्थापित करें।
  • दीप, धूप, पुष्प, फल, नैवेद्य आदि अर्पित करें।
  • दूर्वा अर्पित करें।
  • श्री गणेश गायत्री मन्त्र का यथाशक्ति जप करें।
  • श्री गणेश चालीसा का पाठ करें।
  • श्री गणेश आरती का करें।
  • श्री गणेश जी का आशीर्वाद ग्रहण करें।

गणेश गायत्री मंत्र का जप करने का सबसे अच्छा समय:

  • बुधवार: यह भगवान गणेश का दिन है, इसलिए बुधवार को इस मंत्र का जप करना विशेष रूप से फलदायी होता है।
  • सुबह: सुबह का समय शांत और एकाग्रता के लिए अनुकूल होता है।
  • शाम: शाम का समय भी इस मंत्र का जप करने के लिए उपयुक्त है।

Ganesh Mantra Lyrics गणेश गायत्री मंत्र का उपयोग करके भगवान गणेश की कृपा पाने का एक सरल लेकिन प्रभावी उपाय है। यदि आप भी एक सुखी और समृद्ध जीवन चाहते हैं, तो इस मंत्र का नियमित रूप से जप करना चाहिए।