हिंदू धर्म में सबसे लोकप्रिय देवताओं में से एक हैं गणेश जी। उन्हें विघ्नहर्ता, मंगल देवता और बुद्धि के देवता के रूप में देखा जाता है। पूरे भारत में गणेशजी की पूजा की जाती है, जिसमें उनकी आरती “सुखकर्ता दुःखहर्ता” एक महत्वपूर्ण भाग है।
सुखकर्ता दुःखहर्ता आरती एक सुंदर और भक्तिमय गीत है जो गणेश जी की स्तुति करता है। यह आरती उनसे आशीर्वाद मांगती है और उनके गुणों और शक्तियों का वर्णन करती है।
“Sukh Karta Dukh Harta” Aarti Lyrics
सुखकर्ता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नांची।
नुरवी; पुरवी प्रेम, कृपा जयाची ।
सर्वांगी सुंदर, उटी शेंदुराची।
कंठी झळके माळ, मुक्ताफळांची॥१॥
जय देव, जय देव जय मंगलमूर्ती।
दर्शनमात्रे मन कामना पुरती ॥धृ॥
रत्नखचित फरा, तुज गौरीकुमरा।
चंदनाची उटी , कुमकुम केशरा।
हिरेजडित मुकुट, शोभतो बरा ।
रुणझुणती नूपुरे, चरणी घागरिया।
जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती ॥२॥
लंबोदर पीतांबर, फणिवरबंधना ।
सरळ सोंड, वक्रतुंड त्रिनयना।
दास रामाचा, वाट पाहे सदना।
संकटी पावावे, निर्वाणी रक्षावे, सुरवरवंदना।
जय देव जय देव, जय मंगलमूर्ती।
दर्शनमात्रे मनकामना पुरती ॥३॥
सुखकर्ता दुःखहर्ता आरती का अर्थ है “सुख देने वाले और दुःख दूर करने वाले”। यह आरती गणेश जी को प्रसन्न करने और उनसे सुख, समृद्धि और सफलता का आशीर्वाद मांगने के लिए गाई जाती है।
गणेश की भक्ति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा सुख-दुःखहर्ता आरती है। यह आरती उनके गुणों और शक्तियों का वर्णन करके उनसे आशीर्वाद मांगती है। इस आरती को गाने से मन शांत होता है और भक्ति भावना बढ़ती है।
कब गाई जाती है?
गणेशजी की पूजा के दौरान अक्सर सुखकर्ता दुःखहर्ता आरती गाई जाती है। यह आरती सुबह और शाम को गाना विशेष रूप से शुभ माना जाता है, लेकिन किसी भी समय इसे गाया जा सकता है।
निष्कर्ष –
मुझे आशा है कि आपको सुखकर्ता दुखहर्ता गणेश आरती के बारे में यह ब्लॉग पोस्ट पसंद आई होगी। यह आरती विघ्नहर्ता और सौभाग्य दाता भगवान गणेश की एक सुंदर और शक्तिशाली प्रार्थना है। मैं आपको इस आरती को नियमित रूप से गाने और शब्दों के अर्थ पर ध्यान करने के लिए प्रोत्साहित करता हूं। भगवान गणेश आपको वह सब आशीर्वाद दें जो आप चाहते हैं!